This beautiful poem is courtesy Yetan, my second year senior......
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं
तुम कह देना कोई खास नहीं
एक दोस्त हैं कच्चा पक्का सा
एक झूठ हैं आधा सच्चा सा
जीवन का ऐसा साथी हैं
जो दूर नहीं, जो पास नहीं
एक साया हैं जो चलता साथ मेरे
हर मुश्किल में हैं पास मेरे
क्या मायूसी, क्या खुशहाली
हर पल्चित रमता साथ मेरे
जहाँ अपनापन मिथ्या हैं
पैसा पैसा ही माया हैं
ऐसी मतलबी भरी दुनिया में
एक 'दोस्त' दोस्ती करने आया हैं
कभी बीच राह मे छोर चले
ऐसा बिलकुल विश्वास नहीं
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं
तुम कह देना कोई खास नहीं
3 comments:
Nice Poem......It shuld be dedicated some of friends like ME
hmm. a really good poetry.. a poetry describing a person who is really a very good friend of mine.....
:)
Yetan has written this wonderfully... n the way he read it made it even better
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